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शादी का सुंदर बंधन - Shadi Ka Sundar Bandhan

शादी है प्रेम का मधुर एहसास, दो दिलों का पावन विश्वास। सात फेरे, सात जनम का साथ, हर सुख-दुख में रहे हाथों में हाथ। मंगल गीतों की गूँजे धुन, खुशियों से भर जाए हर गली, आँगन। सम्मान, भरोसा, प्रेम हो गहरा, साथ निभाए हर मौसम में ठहरा। नवजीवन का सुंदर आरंभ, शादी है प्रेम का सच्चा संगम। 
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आज करीब से




आज करीब से गुज़र कर गई है..

अनदाज-बे-नाम कर गई है..

मईय्यत पर मेरी रुक कर अनजान बन गई है..

पुछती है लोगों से..

ये किस की मईय्यत सजाई गई है..


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