Skip to main content

Featured

अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...

तेरा चेहरा तेरी आँखे

तेरा चेहरा तेरी आँखे तेरे जैसी बात कहाँ ।
तुम्हे देखते जो गुजरी है, ऐसी कोई रात कहाँ ।

मैने जब सोचा कि तुम बिन जिना मुश्किल बात नही,
दिन तो मुश्किल से ही गुज़रा, तुम बिन गुज़री रात कहाँ ?

ज़हर समय का वह पी लेगा, कहता है तो कहने दो..
लीडर है वो सच न मानें, अब कोई सुकरात कहाँ ।

मेरी आँखों मे बुंदे थी, जब तितली के पंख नुचे,
जी तो चाहे शहर डुबो दूँ, आँखों में बरसात कहाँ ।

तेरी याद के नाखूनों से, रोज उधेड़े जख़्मों को,
मिलन की मरहम की चाहत है, पर ऐसी कोई रात कहाँ ।

हर इक आँख में आँसू हो, और हर इक हाथ में पत्थर हो,
बदलेगी तब ही यह दुनिया, पर ऐसे हालात कहाँ ।

Comments