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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...

शायद ये वक्त


शायद ये वक्त हमसे कोई चाल चल गया,

रिश्ता वफा का और ही रंगों में रंग गया,

अश्कों की चाँदनी से थी बेहतर वो धूप ही..

उस मोड़ से शुरू करे फिर से ये जिन्दगी...




Shayad yeh waqt humse koi chaal chal gaya,

rishta wafa ka aur hi rangon mein dhal gaya,

ashqon ki chandni se thi behtar woh dhoop hi,

uss modd se shuru kare phir se ye zindagi

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