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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
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लहरों को - Lehron Ko


लहरों को शांत देख कर ये मत समझना....

कि समंदर में रवानी नहीं है....

जब भी उठेंगे, तुफान बन कर उठेंगे....

अभी उठने की ठानी नही है....




Lehron ko shaant dekh kar yeh mat samjna...

Ki samandar maen ravani nahi hae,

Jaab bi uthe ge tuffan ban kar uthe ge,

Abhi uthne ki thani nahi hae.

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