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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...

जनाज़ा मेरा - Janaza mera


जनाज़ा मेरा उठ रहा था...

फिर भी तकलीफ थी उनको आने में...

ज़ालिम आया भी तो पुछ रहा था..

और कितनी देर लगेगी दफनाने में...




Janaza mera uth raha tha ..

phir bhi taklif thi unko aane me ..

zalim aaya bhi to puch raha tha..

aur kitni der lagegi dafnane me...

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