Skip to main content

Featured

अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
Home » Hindi Shayari Rakhi » सावन का मौसम - Saawan ka mausam

सावन का मौसम - Saawan ka mausam

सावन का मौसम था, पूनम की रात थी,
मैं उसके पास था, वो मेरे करीब थी..

फिर वो मेरे पास आई, और थोड़ी सी घबराई,
जब मैने उसका हाथ पकड़ा, तो वो थोड़ी सी शरमाई..

उसने कहा आज हम, ऐसे बन्धन में बंध जाऐंगे,
जिसे दुनियाँ की, कोई ताकत ना तोड़ पाऐ..

मेरी खुशी का अन्दाज़ा, लगाना मुश्किल था,
पर इसके आगे जो हुआ, वो बताना भी मुश्किल है..

उसने मेरे हाथ, हाथों मे लेकर कहा,
ये तो जन्म जन्मों का बन्धन है..

फिर मुझे याद आया, वो सावन का मौसम,
वो पूनम की रात, ये तो रक्षा-बन्धन है..!!!

Saawan ka mausam tha, Poonam ki raat thi,
Mein uske paas tha, Woh mere karib thi

Fir woh mere paas aayi, Aur thodi si ghabraayi,
Jab meine uska haath pakada, To woh thodi si sharmaayi

Usne kaha aaj hum, Aise bandhan me bandh jaaye,
Jise duniya ki, Koi taakat na tod paaye,

Meri khushi ka andaaza, Lagana mushkil tha,
Par iske aage jo hua, Woh batana bhi mushkil hai

Usne mera haath, Haatho me lekar kaha,
Yeh to janam janmo, Ka bandhan hai

Phir mujhe yaad aaya, Woh Saawan ka mausam,
Woh poonam ki raat, Yeh to Raksha Bandhan hai!