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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
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गलतीयों से - Galtiyon se

गलतीयों से जुदा, वो भी नहीं मैं भी नहीं...
दोनो इन्सान हैं.. खुदा वो भी नहीं मैं भी नहीं...

.........वो मुझे मैं उसे इल्जाम देते हैं मगर....
अपने अन्दर झांकते, वो भी नहीं मैं भी नहीं...

गलत-फहमियों ने कर दी, दोनो में पैदा दूरीयाँ...
.. वरना फितरत के बुरे वो भी नहीं मैं भी नहीं...

इस घुमती जिन्दगी में दोनो का सफर जारी रहा..
एक लम्हे को रूकते वो भी नहीं मैं भी नहीं......

मानते दोनो बहुत एक दूसरे को हैं मगर...
ये हकीकत जानते वो भी नहीं मैं भी नहीं...


Galtiyon se juda, Wo bhi nhi Mein bhi nhi..!
Dono insaan hai, khuda Wo bhi nhi Mein bhi nhi..!

Wo mujhe or Mein use ilzaam dete hai magar,
Apne andar jhankte, Wo bhi nhi mein bhi nhi..!

Galat-fahmiyo ne kar di dono me paida duriya,
... Warna fitrat ke bure Wo bhi nhi mein bhi nhi..!

Is ghumti Zindagi mein dono ka safar jari raha,
Ek lamhe ko rukte Wo bhi nhi mein bhi nhi..!

Maante dono bahut ek dusre ko hain magar,
Ye haqiqat jaante Wo bhi nhi me bi nhi!!..