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शादी का सुंदर बंधन - Shadi Ka Sundar Bandhan

शादी है प्रेम का मधुर एहसास, दो दिलों का पावन विश्वास। सात फेरे, सात जनम का साथ, हर सुख-दुख में रहे हाथों में हाथ। मंगल गीतों की गूँजे धुन, खुशियों से भर जाए हर गली, आँगन। सम्मान, भरोसा, प्रेम हो गहरा, साथ निभाए हर मौसम में ठहरा। नवजीवन का सुंदर आरंभ, शादी है प्रेम का सच्चा संगम। 
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दीवाली की रात - Diwali Ki Raat

हँसी फुलझड़ी सी महलों में दीवाली की रात
  कुटिया रोयी सिसक सिसक कर दीवाली की रात।
कैसे कह दें बीत गया युग ये है बात पुरानी
  मर्यादा की लुटी द्रोपदी दीवाली की रात।
घर के कुछ लोगों ने मिलकर खूब मनायीं खुशियाँ
  शेष जनों से दूर बहुत थी दीवाली की रात।
जुआ खेलता रहा बैठकर वह घर के तलघर में
  रहे सिसकते चूल्हा चक्की दीवाली की रात।
भोला बचपन भूल गया था क्रूर काल का दंशन
  फिर फिर याद दिला जाती है दीवाली की रात।
तम के ठेकेदार जेब में सूरज को बैठाये
  कैद हो गई चंद घरों में दीवाली की रात।
एक दिया माटी का पूरी ताकत से हुंकारा
  जल कर जगमग कर देंगे हम दीवाली की रात।