Skip to main content

Featured

अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
Home » Diwali Hindi Shayari » नई उम्मीदों - Diwali

नई उम्मीदों - Diwali

नई उम्मीदों का त्यौहार है दिवाली,
  अँधेरे से उजाले का प्रतिक है दिवाली,
भुला के सरे गम और शिकवे दिलोंके,
  जलाओ दीये हाज़ारों, साल भर बाद आई है दिवाली.....
दुष्ट पर विजय का पर्व है दिवाली,
  एक पत्नी का अपने नाथ प्रति भरोसे का जश्न है दिवाली,
मन में हो विश्वास और खुद पर हो यकीन,
  तो अमावस पर भी उजाला फेलाती है दिवाली.....