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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...

लोग पुछते हैं

लोग पुछते हैं क्यों सुर्ख है तुम्हारी आँखे,
   हँस के कह देता हुँ रात को सो ना सके,
लाख चाहुँ भी मगर ये कह ना सकुँ..
   रात को राने की हसरत थी मगर रो ना सके..




Log poochtey hen kyon surkh hen tumhari Aankhen,
  Hans k keh deta hoon raat ko so na sake,
Lakh chahoon bhi magar yeh keh na sakoon,
  Raat ko roney ki hasrat thi magar ro na sake.