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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
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नहीं था ज़ोर - Nahi tha Zor

नहीं था ज़ोर उसकी सितम नवाजियो का मगर,
  मुझे भी होंसले मेरे खुदा से मिले,
मेरी आन क्युँ कहती है बार-बार मुझे,
  वो महोब्बत ही क्या जो इलतीजा से मिले
Nahi tha Zor Uski Sitam nawaziyo ka magar,
  Mujhe bhi Hosle Mere Khuda se mile,
Meri Aan kyu kehti hai baar-baar Mujhe,
  Woh Mohabat hi kya jo iltija se mile…