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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...

इस तरह से मैं - is tareh se mei

इस तरह से मैं तुझे अपनी जिन्दगी में ले आऊँगा,
 रातों की चाँदनी से मैं तेरे आशियाने को सजाऊँगा,
तु रूठ गई कभी मुझसे जो,
 तो तितलियों से रंग चुरा लुँगा,
उन रंगों की अनजूमन से फिर,
 एक कश्ती को मैं सजाऊँगा,
जहाँ रकस होगा बहारों का..
 आसमाँ के पंक्षी गीत गाऐंगे,
फूलों की तुझ पर बारिश होगी..
 तेरी छुअन से मोती बन जाऐंगे,
मुझे कसम है तेरी ऐ मेरी जिन्दगी
 हर पल को बस तेरे ही संग बिताऊँगा,
शामों सहर बस तेरे ही गीत लिखुँगा,
 दिल के हर एक कोने को तेरी यादों से मैं सजाऊँगा

is tareh se mei tujhe apni zindagi mei le aaunga
 raaton ki chandni se mei tere aashiyaane ko sajaunga
tu ruth gayi kabhi mujhse jo
 to titliyon se rang chura launga
un rango ki anjuman se phir
 ek kasti ko mei sajaunga
jahaan raqs hoga baharon ka
 aasmaan ke panchi geet gayenge
phoolon ki tujh par baaris hogi
 teri chuhan se moti ban jayenge
mujhe kasam hai teri e meri zindagi
 har pal ko bas tere hi sang bitaunga
shaamo sehar bas tere hi geet likhunga
 dil ke har ek kone ko teri yaadon se mei sajaunga