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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...

फांसला इतना - Faasla Itna

Hindi Sad Shayari - Faasla Itna
  फांसला इतना बढाने की जरूरत क्या थी,
   तुझे मुझसे रूठ कर जाने की जरूरत क्या थी,
  अब जो मुझसे रूठ कर उदास रहते हो,
   अपना हाथ मेरे हाथ से छुडाने की जरूरत क्या थी,
  दुनीयाँ कब किसी के गम को समझती है,
   तुझे अपने गम दुनियाँ को दिखाने की जरूरत क्या थी,
  मैं आज तक इस बात को नहीं समझ पाया,
   जब साथ तुम्हारे मैं था तो.....
  ...तुम्हे ज़माने की जरूरत क्या थी....


  Faasla itna badhane ki zarorat kya thi
   Tujhe mujhse roth kar jane ki zarorat kya thi
  Ab jo mujhse roth kar udas rehte ho
   Apne haath mere haath se chudane ki zarorat kya thi
  Duniya kab kisi ke gam ko samjhti hai
   Tujhe apne gam duniya ko dikhane ki zarorat kya thi
  Mai aaj tak is baat ko nahi samjh paya
   Jab saath tumhare mai tha to...
  tumhe zamane ki zarorat kya thi...!!


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