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शादी का सुंदर बंधन - Shadi Ka Sundar Bandhan

शादी है प्रेम का मधुर एहसास, दो दिलों का पावन विश्वास। सात फेरे, सात जनम का साथ, हर सुख-दुख में रहे हाथों में हाथ। मंगल गीतों की गूँजे धुन, खुशियों से भर जाए हर गली, आँगन। सम्मान, भरोसा, प्रेम हो गहरा, साथ निभाए हर मौसम में ठहरा। नवजीवन का सुंदर आरंभ, शादी है प्रेम का सच्चा संगम। 
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बहुत दिनों से - (Hindi Shayari)

  बहुत दिनों से सोच रहा हूँ कोई गीत लिखूँ
    इतिहासों में मिले न जैसी, ऐसी प्रीत लिखूँ
  जो न अभी तक बजा, आज स्वर्णिम संगीत लिखूँ
    बहुत दिनों से सोच रहा हूँ मैं इक गीत लिखूँ

  प्रीत राधा की लिख डालूँ जिसे माना जग ने
    लिखूँ सुदामा ने खाईं जो साथ कॄष्ण के कसमें
  कालिन्दी तट कुन्ज लिखूँ, मैं लिखूँ पुन: वॄन्दावन
    और आज मैं सोच रहा हूँ डूब सूर के रस में

  बाल कॄष्ण के कर से बिखरा जो नवनीत लिखूँ
    बहुत दिनों से सोच रहा हूँ मैं इक गीत लिखूँ


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