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शादी का सुंदर बंधन - Shadi Ka Sundar Bandhan

शादी है प्रेम का मधुर एहसास, दो दिलों का पावन विश्वास। सात फेरे, सात जनम का साथ, हर सुख-दुख में रहे हाथों में हाथ। मंगल गीतों की गूँजे धुन, खुशियों से भर जाए हर गली, आँगन। सम्मान, भरोसा, प्रेम हो गहरा, साथ निभाए हर मौसम में ठहरा। नवजीवन का सुंदर आरंभ, शादी है प्रेम का सच्चा संगम। 

Ankho Me Yahi Sulagte Sawal

Ankho Me Yahi Sulagte Sawal
आँखों में यहीं सुलगते, सवाल खड़े हैं |
कुछ लोग हीं क्यों देश में , खुशहाल खड़े हैं ?
पैंसठ बरस के बाद भी, इन्साफ के लिए
क्यों आम लोग हीं यहाँ, फटेहाल खड़े हैं ?
कौड़ी का आदमी था ,संसद गया जबसे ,
सुना शहर में उसके, कई माँल खड़े हैं |
किस भाँति देश बेचना, तरकीब सोचते ,
पग-पग पे यहाँ देखिये, दलाल खड़े हैं |
कुर्सी की साजिशों का, परिणाम देखिये ,
सर्वत्र जाति-धर्म के, दीवाल खड़े हैं |
कैसे उगेगा प्यार का पौधा, बताइए ,
दिल में घृणा के बरगद, जब पाल खड़े हैं |

Poet Unknown

Comments

  1.   



     


       जमीर बेच के नफरत जगाते रहते हैं।
       लूह से प्यास वह अपनी बुझाते रहते है!
       जीन्हें पसंद नही हिन्दु मुसलमानों का मिलना
        वो जान बुझ के    दंगे     कराते    रहते है.!

                ♻ मोहम्मद सूएब अंसारी♻

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  2.    जमीर बेच के नफरत जगाते रहते हैं।
        लूह से प्यास वह अपनी बुझाते रहते है!
        जीन्हें पसंद नही हिन्दु मुसलमानों का मिलना
        वो जान बुझ के    दंगे     कराते    रहते है.!

                ♻ मोहम्मद सूएब अंसारी♻

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