Skip to main content

Featured

शादी का सुंदर बंधन - Shadi Ka Sundar Bandhan

शादी है प्रेम का मधुर एहसास, दो दिलों का पावन विश्वास। सात फेरे, सात जनम का साथ, हर सुख-दुख में रहे हाथों में हाथ। मंगल गीतों की गूँजे धुन, खुशियों से भर जाए हर गली, आँगन। सम्मान, भरोसा, प्रेम हो गहरा, साथ निभाए हर मौसम में ठहरा। नवजीवन का सुंदर आरंभ, शादी है प्रेम का सच्चा संगम। 
Home » Hindi Shayari Life Shayari » चढ़दे सूरज - Bulleh Shah Shayari

चढ़दे सूरज - Bulleh Shah Shayari

फकीर बुलेशाह से जब किसी ने पूछा कि आप इतनी गरीबी में भी भगवान का शुक्रिया कैसे करते हैं तो बुलेशाह ने कहा..

चढ़दे सूरज ढलदे देखे,
 बुझदे दीवे बलदे देखे ।
हीरे दा कोइ मुल ना जाणे,
 खोटे सिक्के चलदे देखे ।
जिना दा न जग ते कोई,
 ओ वी पुत्तर पलदे देखे ।
उसदी रहमत दे नाल बंदे,
 पाणी उत्ते चलदे देखे ।
लोकी कैंदे दाल नइ गलदी,
 मैं ते पत्थर गलदे देखे ।
जिन्हा ने कदर ना कीती रब दी,
 हथ खाली ओ मलदे देखे ।
कई पैरां तो नंगे फिरदे,
 सिर ते लभदे छावा...
मैनु दाता सब कुछ दित्ता,
 क्यों ना शुकर मनावा...

Comments

Post a Comment