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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
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Ishq Shayari on Uljhi Sham

उलझी ‪‎शाम‬ को पाने की ज़िद न करो,
जो ना हो अपना उसे अपनाने की ज़िद न करो,
इस समंदर में ‪‎तूफ़ान‬ बहुत आते है,
इसके साहिल पर घर बनाने की ज़िद न करो।

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