शादी का सुंदर बंधन - Shadi Ka Sundar Bandhan
शादी है प्रेम का मधुर एहसास, दो दिलों का पावन विश्वास। सात फेरे, सात जनम का साथ, हर सुख-दुख में रहे हाथों में हाथ। मंगल गीतों की गूँजे धुन, खुशियों से भर जाए हर गली, आँगन। सम्मान, भरोसा, प्रेम हो गहरा, साथ निभाए हर मौसम में ठहरा। नवजीवन का सुंदर आरंभ, शादी है प्रेम का सच्चा संगम।
wah wah wah
ReplyDeleteएक बेटी का पत्र
ReplyDeleteबेटी बनकर आई हूँ, माँ बाप के जीवन में,
बसेरा होगा कल मेरा, किसी और के आंगन में...!!
क्यों ये रीत रब ने बनाई होगी,
कहते हैं आज नहीं तो कल तू पराई होगी..!!
देकर जनम पाल पोस कर, जिसने हमें बड़ा किया,
और वक्त आया, तो उन्हीं हाथों ने हमें विदा किया..!!
टूट कर बिखर जाती है, हमारी जिंदगी वहीं,
पर फिर भी उस बंधन में, प्यार मिले जरूरी तो नहीं..!!
क्यों रिश्ता हमारा, इतना अजीब होता है ???
क्या बस यही, बेटियों का नसीब होता है..!!
एक बेटी का पत्र
ReplyDeleteबेटी बनकर आई हूँ, माँ बाप के जीवन में,
बसेरा होगा कल मेरा, किसी और के आंगन में...!!
क्यों ये रीत रब ने बनाई होगी,
कहते हैं आज नहीं तो कल तू पराई होगी..!!
देकर जनम पाल पोस कर, जिसने हमें बड़ा किया,
और वक्त आया, तो उन्हीं हाथों ने हमें विदा किया..!!
टूट कर बिखर जाती है, हमारी जिंदगी वहीं,
पर फिर भी उस बंधन में, प्यार मिले जरूरी तो नहीं..!!
क्यों रिश्ता हमारा, इतना अजीब होता है ???
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