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अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
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शिक्षक दिवस पर कविता/शायरी Collection

शिक्षक दिवस पर कविता/शायरी - Happy Teacher's Day

5 सितम्बर - शिक्षक दिवस - डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दिवस 


गुरु की महिमा क्या कहे, निर्मल गुरु से ही होए |
बिन गुरुवर, जीवन कटु फल सा होए ||


जीवन का मार्ग कठिन हैं
सत्य का विचार कठिन हैं
पर जो हर हाल में सत्य सिखाये
वही एक सफल शिक्षक कहलाये


चंद शब्दों में नहीं होती बयाँ,
ईश्वर के तुल्य हैं जिनकी काया,
ऐसे गुरु वर को शत शत नमन,
उनके चरणों में जीवन अर्पण।


शिक्षक हैं एक दीपक की छवि,
जो जलकर दे दूसरों को रवि,
ना रखता वो कोई ख्वाइश बड़ी,
बस शिष्य की सफलता ही हैं खुशियों की लड़ी


कड़ी धूप में जो दे वृक्ष सी छाया
ऐसी हैं इनके ज्ञान की माया
नहीं होता कोई रक्त सम्बन्ध
फिर भी हैं जीवन का अनमोल बंधन


भीड़ में हैं एक गुरु ही अपना
दिखाये जो जीवन का सपना
पग पग पर देते वो दिशा निर्देश
गुरु से ही सजे जीवन परिवेश


ना तारीफ के शब्दों की हैं उसको चाहत
ना महंगे उपहारों से होती उसकी इबादत
उसे मिलती हैं तब ही आत्मीय शांति
जब फैलती हैं विश्व में शिष्य की कान्ति


सफल जीवन सजता हैं सपनो से
जो मिलता हैं किसी गुरु की दस्तक से
जीवन सूर्य सा प्रकाशित हो उठता हैं
जब साथ एक सच्चे गुरु का मिलता हैं |


बिन गुरु नहीं होता जीवन साकार,
सिर पर होता जब गुरु का हाथ,
तभी बनाता जीवन का सही आकार,
गुरु ही हैं सफल जीवन का आधार।।



जीवन जितना सजता हैं माता-पिता के प्यार से
उतना ही महकता हैं गुरु के आशीर्वाद से
समाज कल्याण में जितने माता पिता होते हैं खास
उतने ही गुरु के कारण देश की होती हैं साख

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