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खाली जेब से परेशान ग़ालिब - Mirja Galib Ka Dard after Note Ban

Mirja Galib Ka Dard after Note Ban
हज़ारों नोट थे ऐसे के हर नोट पे दम निकले,
बहुत निकले मेरे घर से मगर फिर भी कम निकले.

निकलना बैंक से नोटों का सुनते आये हैं लेकिन,
बहुत बे-आबरू होकर स्टेट बैंक से हम निकले.

बचा नहीं जेब में सौ का नोट एक भी अब,
हुई सुबह और घर से एटीएम खोजते हुए हम निकले.

खुदा के वास्ते एटीएम में कुछ तो डाल दे ज़ालिम,
कहीं ऐसा न हो यहां भी खाली जेब सनम निकले.

कहाँ हमारी दौलत "ग़ालिब" और कहाँ वो भिखारी,
गौर फर्माईऐ...

कहाँ हमारी दौलत "ग़ालिब" और कहाँ वो भिखारी...
बस ये जानिये, जिस कतार में वो खडा था ऊसी में हम निकले.

- खाली जेब से परेशान ग़ालिब

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