Read 100+ Quotes of Mahatma Gandhi in Hindi (महात्मा गांधी जी के अनमोल विचार हिन्दी में पढें )
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। हम उन्हें प्यार से बापू पुकारते हैं। इनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। उन्हीं की प्रेरणा से हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयंती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के नाम से मनाया जाता है। महात्मा गांधी जी के अनमोल विचार :-
अक्लमंद काम करने से पहले सोचता है और मूर्ख काम करने के बाद।
क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं।
जीवन की गति बढाने के अलावा भी इसमें बहुत कुछ है।
तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।
पूर्ण धारणा के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है।
प्रेम दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है और फिर भी हम जिसकी कल्पना कर सकते हैं उसमे सबसे नम्र है।
मैं किसी को भी गंदे पाँव के साथ अपने मन से नहीं गुजरने दूंगा।
सात घनघोर पाप
हंसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है।
हर रात, जब मैं सोने जाता हूँ, मैं मर जाता हूँ। और अगली सुबह, जब मैं उठता हूँ, मेरा पुनर्जन्म होता है।
अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के सामान है जो धरातल की सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है।
अपनी बुद्धिमता को लेकर बेहद निश्चित होना बुद्धिमानी नहीं है। यह याद रखना चाहिए की ताकतवर भी कमजोर हो सकता है और बुद्धिमान से भी बुद्धिमान गलती कर सकता है।
अपने ज्ञान के प्रति ज़रुरत से अधिक यकीन करना मूर्खता है। यह याद दिलाना ठीक होगा कि सबसे मजबूत कमजोर हो सकता है और सबसे बुद्धिमान गलती कर सकता है।
अपने प्रयोजन में द्रढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है।
अपने से हो सके, वह काम दूसरे से न कराना।
अहिंसा ही धर्म है, वही जिंदगी का एक रास्ता है।
अहिंसात्मक युद्ध में अगर थोड़े भी मर मिटने वाले लड़ाके मिलेंगे तो वे करोड़ो की लाज रखेंगे और उनमे प्राण फूकेंगे। अगर यह मेरा स्वप्न है, तो भी यह मेरे लिए मधुर है।
आँख के बदले में आँख पूरे विश्व को अँधा बना देगी।
आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है। अगर मैं खुद से यह कहता रहूँ कि मैं फ़लां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं। इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूँ कि मैं ये कर सकता हूँ, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूँगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो।
आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है।
आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते।
आप नम्र तरीके से दुनिया को हिला सकते है।
आप मानवता में विश्वास मत खोइए। मानवता सागर की तरह है; अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता।
आप मुझे जंजीरों में जकड़ सकते हैं, यातना दे सकते हैं, यहाँ तक की आप इस शरीर को नष्ट कर सकते हैं, लेकिन आप कभी मेरे विचारों को कैद नहीं कर सकते।
आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं,आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं,आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं,आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं,आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नियति बन जाती है।
एक कृत्य द्वारा किसी एक दिल को ख़ुशी देना, प्रार्थना में झुके हज़ार सिरों से बेहतर है।
एक देश की महानता और नैतिक प्रगति को इस बात से आँका जा सकता है कि वहां जानवरों से कैसे व्यवहार किया जाता है।
ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो। ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो।
काम की अधिकता नहीं, अनियमितता आदमी को मार डालती है।
कायरता से कहीं ज्यादा अच्छा है, लड़ते-लड़ते मर जाना।
किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है।
किसी भी देश की संस्कृति उसके लोगों के ह्रदय और आत्मा में बसती है।
किसी राष्ट्र की संस्कृति उसके लोगों के दिलों और आत्माओं में बसती है।
कुछ करने में, या तो उसे प्रेम से करें या उसे कभी करें ही नहीं।
कुछ लोग सफलता के सपने देखते हैं जबकि अन्य व्यक्ति जागते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।
कुरीति के अधीन होना कायरता है, उसका विरोध करना पुरुषार्थ है।
केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दुसरो पर छिड़के तो उसकी कुछ बुँदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती है।
कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा।
कोई भी संस्कृति जीवित नहीं रह सकती यदि वह अपने को हम दबाव से अनुशासन नहीं सीख सकते।
क्रोध को जीतने में मौन सबसे अधिक सहायक है।
खुद वो बदलाव बनिए जो दुनिया में आप देखना चाहते हैं।
ख़ुशी तब मिलेगी जब आप जो सोचते हैं, जो कहते हैं और जो करते हैं, सामंजस्य में हों।
गरीबी दैवी अभिशाप नहीं बल्कि मानवरचित षडयन्त्र है ।
गर्व लक्ष्य को पाने के लिए किये गए प्रयत्न में निहित है, ना कि उसे पाने में।
गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती है। वह तो केवल अपनी ख़ुशी बिखेरता है। उसकी खुशबु ही उसका संदेश है।
चरित्र की शुद्धि ही सारे ज्ञान का ध्येय होनी चाहिए।
चलिए सुबह का पहला काम ये करें कि इस दिन के लिए संकल्प करें कि- मैं दुनिया में किसी से डरूंगा। नहीं.-मैं केवल भगवान से डरूं। मैं किसी के प्रति बुरा भाव ना रखूं। मैं किसी के अन्याय के समक्ष झुकूं नहीं। मैं असत्य को सत्य से जीतुं। और असत्य का विरोध करते हुए, मैं सभी कष्टों को सह सकूँ।
चिंता से अधिक कुछ और शरीर को इतना बर्बाद नहीं करता, और वह जिसे ईश्वर में थोडा भी यकीन है उसे किसी भी चीज के बारे में चिंता करने पर शर्मिंदा होना चाहिए।
जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है।
जब भी आपका सामना किसी विरोधी से हो, उसे प्रेम से जीतें।
जब मैं निराश होता हूँ, मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है। कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं, और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है। इसके बारे में सोचो- हमेशा।
जहाँ प्रेम है वहां जीवन है।
जिज्ञासा के बिना ज्ञान नहीं होता | दुःख के बिना सुख नहीं होता।
जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा।
जो भी चाहे अपनी अंतरात्मा की आवाज़ सुन सकता है। वह सबके भीतर है।
जो लोग अपनी प्रशंसा के भूखे होते हैं, वे साबित करते हैं कि उनमें योग्यता नहीं है।
जो समय बचाते हैं, वे धन बचाते हैं और बचाया हुआ धन, कमाएं हुए धन के बराबर है।
थोडा सा अभ्यास बहुत सारे उपदेशों से बेहतर है।
दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में।
निरंतर विकास जीवन का नियम है, और जो व्यक्ति खुद को सही दिखाने के लिए हमेशा अपनी रूढ़िवादिता को बरकरार रखने की कोशिश करता है वो खुद को गलत स्थिति में पंहुचा देता है।
पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे।
पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो।
पुस्तकों का मूल्य रत्नों से भी अधिक है, क्योंकि पुस्तकें अन्तःकरण को उज्ज्वल करती हैं।
पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है। किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी।
पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरी करने के लिए नहीं।
प्रार्थना माँगना नहीं है। यह आत्मा की लालसा है। यह हर रोज अपनी कमजोरियों की स्वीकारोक्ति है। प्रार्थना में बिना वचनों के मन लगाना, वचन होते हुए मन ना लगाने से बेहतर है।
प्रार्थना या भजन जीभ से नहीं ह्रदय से होता है। इसी से गूंगे, तोतले और मूढ भी प्रार्थना कर सकते है।
प्रेम की शक्ति दण्ड की शक्ति से हजार गुनी प्रभावशाली और स्थायी होती है।
भगवान का कोई धर्म नहीं है।
भविष्य में क्या होगा, मै यह नहीं सोचना चाहता। मुझे वर्तमान की चिंता है। ईश्वर ने मुझे आने वाले क्षणों पर कोई नियंत्रण नहीं दिया है।
भूल करने में पाप तो है ही, परन्तु उसे छुपाने में उससे भी बड़ा पाप है।
मृत, अनाथ, और बेघर को इससे क्या फर्क पड़ता है कि यह तबाही सर्वाधिकार या फिर स्वतंत्रता या लोकतंत्र के पवित्र नाम पर लायी जाती है?
मेरा जीवन मेरा सन्देश है।
मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता।
मै हिंदी के जरिये प्रांतीय भाषाओं को दबाना नहीं चाहता, किन्तु उनके साथ हिंदी को भी मिला देना चाहता हूं।
मैं तुम्हे शांति का प्रस्ताव देता हूँ. मैं तुम्हे प्रेम का प्रस्ताव देता हूँ. मैं तुम्हारी सुन्दरता देखता हूँ.मैं तुम्हारी आवश्यकता सुनता हूँ.मैं तुम्हारी भावना महसूस करता हूँ।
मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ।
मैं सभी की समानता में विश्वास रखता हूँ, सिवाय पत्रकारों और फोटोग्राफरों के।
मैं हिंसा का विरोध करता हूँ क्योंकि जब ऐसा लगता है कि वो अच्छा कर रही है तब वो अच्छाई अस्थायी होती है; और वो जो बुराई करती है वो स्थायी होती है।
मौन सबसे सशक्त भाषण है, धीरे-धीरे दुनिया आपको सुनेगी।
यदि मनुष्य सीखना चाहे, तो उसकी हर भूल उसे कुछ शिक्षा दे सकती है।
यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है।
राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी को काम में लाना देश की उन्नति के लिए आवश्यक है।
लम्बे-लम्बे भाषणों से कही अधिक मूल्यवान है इंच भर कदम बढ़ाना।
वास्तविक सोन्दर्य ह्रदय की पवित्रता में है।
विश्व इतिहास में आजादी के लिए लोकतान्त्रिक संघर्ष हमसे ज्यादा वास्तविक किसी का नहीं रहा है। मैने जिस लोकतंत्र की कल्पना की है, उसकी स्थापना अहिंसा से होगी। उसमे सभी को समान स्वतंत्रता मिलेगी। हर व्यक्ति खुद का मालिक होगा।
विश्व के सभी धर्म, भले ही और चीजों में अंतर रखते हों, लेकिन सभी इस बात पर एकमत हैं कि दुनिया में कुछ नहीं बस सत्य जीवित रहता है।
विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है।
विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए. जब विश्वास अँधा हो जाता है तो मर जाता है।
व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित एक प्राणी है, वह जो सोचता है वही बन जाता है।
व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं अपितु उसके चरित्र से आंकी जाती है।
शांति का कोई रास्ता नहीं है, केवल शांति है।
शारीरिक उपवास के साथ-साथ मन का उपवास न हो तो वह दम्भपूर्ण और हानिकारक हो सकता है।
श्रद्धा का अर्थ है आत्मविश्वास और आत्मविश्वास का अर्थ है ईश्वर में विश्वास।
सत्य एक विशाल वृक्ष है, उसकी ज्यों-ज्यों सेवा की जाती है, त्यों-त्यों उसमे अनेक फल आते हुए नजर आते है, उनका अंत ही नहीं होता।
सत्य एक है, मार्ग कई।
सत्य कभी ऐसे कारण को क्षति नहीं पहुंचाता जो उचित हो।
सत्य बिना जन समर्थन के भी खड़ा रहता है, वह आत्मनिर्भर है।
समाज में से धर्म को निकाल फेंकने का प्रयत्न बांझ के पुत्र करने जितना ही निष्फल है और अगर कहीं सफल हो जाय तो समाज का उसमे नाश होता है।
सुख बाहर से मिलने की चीज नहीं, मगर अहंकार छोड़े बगैर इसकी प्राप्ति भी होने वाली नहीं। अन्य से पृथक रखने का प्रयास करे।
स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना।
हम जिसकी पूजा करते है उसी के समान हो जाते है।
हम जो दुनिया के जंगलों के साथ कर रहे हैं वो कुछ और नहीं बस उस चीज का प्रतिबिम्ब है जो हम अपने साथ और एक दूसरे के साथ कर रहे हैं।
हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें। हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा।
हो सकता है आप कभी ना जान सकें कि आपके काम का क्या परिणाम हुआ, लेकिन यदि आप कुछ करेंगे नहीं तो कोई परिणाम नहीं होगा।
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