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सभी भाभीयो को समर्पित

सभी भाभीयो को समर्पित हिन्दी शायरी


बेटियों की तो हर कोई तरीफ करता है मगर भूल जाते है की भाभीया भी किसी की बेटीयाँ होती है
सभी भाभीयो को समर्पित है ये हिन्दी शायरी😊


छोटी हो या बडी, काम आती है सभी ।                            
चले है उसी से पीहर, वह है घर की लीडर ।
बेटो से न चला हैं घर-संसार,
भाभियाँ चलाती है घर - परिवार,
वह भी होती है आधी हकदार ।
करो उनकी गलतियों को नजरअंदाज,
जैसे हम सब से  होती है गलतियाँ आज।
मान - सम्मान से रखो उन्हें,
क्योंकि माँ के बाद भाभी का ही स्थान है ।
छोटी हो या बडी, भाभी होती है भाभी।



जिस आँगन को सूना छोड़ आती है बेटिया,
उस आँगन कि रोनक होती है भाभीया,
बेटी है जिस आँगन कि कलिया,
उस आँगन का फ़ूल, होती है भाभीया
कलि को भी एक दिन फ़ूल बनना होता है
अपने आँगन से निकल कर कहीं ओर सजना होता है,
पिहर कि हर चीज़ पराइ, नियम समाज का होता है,
उस पराऐपन मे अपना अहसास कराती भाभीया,
मा बाप का रखती ख्याल, भैय्या का देती है साथ..
अंत मे माँ कि जगह ही तो ले लेती है भाभीया



भैय्या का तुम प्यार हो भाभी,
मा बाप का सम्मान हो तुम,
हमारा भी अभीमान हो भाभी,
ये मान संजोये रखना तुम।




Comments

  1. एहसास-ए-आरज़ू को दिल से मिटा न सकोगे,
    भूलना चाहो हमें भुला न सकोगे,
    ये चिराग़-ए-दोस्ती दिल से जलाया हैं हमनें,
    जल जाओगे मगर इसे बुझा ना सकोगे।

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