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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
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मैं तेरा मुंतज़िर हूँ

जुदाई, महोब्बत, तलाश, लम्हा हिन्दी शायरी
मैं तेरा मुंतज़िर हूँ मुस्कुरा के मिल
 कब तक तुझे तलाश करूँ अब आ के मिल
यूं मिल के फिर जुदाई का लम्हा न आ सके
 जो दरमियाँ में है सभी कुछ मिटा के मिल

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