Skip to main content

Featured

अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
Home » Sad Shayari » इंतज़ार की आरज़ू

इंतज़ार की आरज़ू

intzaar khamoshi mohobat shayari

इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
 खामोशियो की आदत हो गयी है,??
 न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,
 अगर  है तो एक   मोहब्बत,
 जो इन तन्हाइयों से हो गई है।

Comments