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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
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चलो घर चलते हैं..

होली शायरी, Holi Kavita Poem Shayari

आँखों में हमारे भी कुछ सपने पलते हैं,
अब उनसे कुछ दिन बाद मिलते हैं,
होली की छुट्टी आ गई यारो,
सूनी गलियों में गुलाल बरसाने ..
चलो घर चलते हैं.. चलो घर चलते हैं..

Happy Holi - होली मुबारक हो


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