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अपने हसीन होंठों को

अपने हसीन होंठों को किसी परदे में छुपा लिया करो, हम गुस्ताख लोग हैं नज़रों से चूम लिया करते हैं...
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कभी तू फूल बन - Kabhi tu ful ban kar

कभी तू फूल बन कर मुसकुराता है, 
कभी तनहाईयों में सताता है, 
कयों जिंदगी कि मुश्किलें बढाता है, 
ए दिल बता आखिर तू क्या चाहता है, 
महफूज रखा था खयालों में तुझको, 
क्यों बेचैनियाँ बढाता है, 
हंस के छिपा लेती हूँ आखों में दर्द को 
हसरतों के बाजार में क्यों
  सहरा मुझे नजर आता है....
♥️♥️♥️

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